
Pitru Paksha 2025: शुभ काम में जल्दबाज़ी नहीं, जानिए क्या न करें दान वरना पितृ भी कहेंगे – “Unsubscribe!”
हर साल की तरह इस साल भी पितृपक्ष यानी 7 से 21 सितंबर 2025 तक आत्मिक कनेक्शन और ancestral subscription renewal का टाइम आ गया है। ये 15 दिन श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और दान के लिए बहुत ही खास माने जाते हैं। लेकिन ठहरिए!
सिर्फ दान कर देने से सब कुछ ठीक नहीं होता…गलत चीज़ों का दान = पितृ नाराज़ + शनि एक्टिवेट + ग्रह दोष ऑन!
1. लोहे के बर्तन: दान नहीं, दूर रखें!
लोहे के बर्तन दान करना यानी पितरों से कहना – “आप Wait करें, मैं Busy हूं!”
इससे पितृ दोष भी लग सकता है और शनि देव भी कटे-कटे घूमेंगे।
2. चमड़ा और चमड़े के सामान: फैशन की भूल मत करना!
पर्स, बेल्ट, लेदर जैकेट — यह सब पार्टी लुक में चलेगा, श्राद्ध में नहीं।
शनि महाराज नाराज, पितृ अपसेट और आप – “Why me?!” मोड में चले जाएंगे।
3. काले और पुराने कपड़े: स्टाइल स्टेटमेंट नहीं, श्रद्धा का अपमान
काले कपड़े दान करना = पितृ Connect Lost
पुराने या फटे कपड़े दान करने से पुण्य नहीं, पनिशमेंट मिलती है।
4. तेल का दान: “Slip” हो जाएगा काम
किसी भी तरह का तेल (सरसों, नारियल, हेयर ऑयल) दान न करें। इससे पितृ कहते हैं – “Thank you, But No Thank you!”
5. बासी या झूठा भोजन: Ann-Daan नहीं, Ann-Disrespect
जो खाना आप खुद ना खाएं, वो पितरों को क्यों देना?
बचे-खुचे खाने से श्राद्ध दोष लगता है और फल की जगह Fine मिल सकता है।
6. गाजर-मूली-शलजम: जमीन के नीचे उगने वाली सब्ज़ियाँ – Underground Movement नहीं चाहिए
इन सब्ज़ियों का दान करने से पितृ सोचते हैं – “ये तो हमें जड़ में ही भेज रहा है!”
7. नमक: रिश्ते नमकीन नहीं, मधुर रखें
नमक दान = जीवन में खट्टा-मीठा नहीं, सीधा करवा!
8. मसूर की दाल: लाल रंग = लाल बत्ती
इस दाल को दान देने से पितृ Hold पर चले जाते हैं, यानी ना कृपा, ना कनेक्शन।
9. प्लास्टिक आइटम्स: ये पितरों का दान नहीं, प्रदूषण है
प्लास्टिक का दान करके आप धरती मां और पितरों दोनों को नाराज़ कर रहे हैं।
10. कांच और नुकीली चीजें: ये दान नहीं, खतरे की घंटी
इससे वास्तु दोष लगता है और पितृ भी ये कह सकते हैं — “अब बहुत हो गया!”
तो करें क्या दान?
सफेद कपड़े,
तिल,
कंबल,
सात्विक भोजन,
जल,
स्नान सामग्री,
गाय को भोजन
दान से पितृ खुश, पिंडदान सफल, और आपके जीवन में सुख-शांति का हॉटस्टार पैक खुल जाता है।
श्रद्धा है तो व्यवस्था भी होनी चाहिए!
श्राद्ध कर्म केवल रिवाज नहीं, यह एक आध्यात्मिक रिस्पेक्ट है। सही चीज़ों का दान करें, गलत चीज़ों से बचें — ताकि पितृ “Recharge कर सकें”, ना कि “Block” कर दें।
अगर आपको लगता है कि यह जानकारी किसी को भी ‘ग़लती से दान’ करने से बचा सकती है, तो इसे शेयर करें। वरना अगली बार जब कोई मसूर की दाल लेकर पितरों को खुश करने निकलेगा, तो पितृ कहेंगे —“भाई, ये नहीं चलेगा!”
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